टेक्नोलॉजी: ISRO प्रमुख का बड़ा बयान चंद्रयान 4 और 5 परियोजना है तैयार
K9 Media
चंद्रयान-3 की बड़ी सफलता के बाद अब इसरो चंद्रयान-4 और 5 की तैयारी कर रहा है। इसरो महानिदेशक डॉ. एस सोमनाथ ने मंगलवार (20 अगस्त) को कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी ने चंद्र मिशन के अगले चरण की योजना तैयार कर ली है। इसके लिए सरकार से मंजूरी लेने की प्रक्रिया चल रही है। चंद्रयान-4 मिशन में चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद चंद्रमा की चट्टानों और मिट्टी को वापस लाना, चंद्रमा से एक अंतरिक्ष यान लॉन्च करना, चंद्र कक्षा में एक अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग करना और पृथ्वी पर नमूने पहुँचाना शामिल है।
डॉक्टर सोमनाथ ने यह भी कहा कि इसरो की योजना अगले पाँच वर्षों में 70 उपग्रह लॉन्च करने की है। उन्होंने यह जानकारी भारतीय तकनीकी एवं अंतरिक्ष शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित एक अखिल भारतीय कार्यक्रम में प्रस्तुत की। इसरो की अगले पाँच वर्षों में पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों की एक पूरी श्रृंखला लॉन्च करने की भी योजना है। उन्होंने कहा कि चंद्रमा पर हमारे कई मिशन हैं। चंद्रयान-3 का काम पूरा हो चुका है, चंद्रयान 4 और 5 की योजनाओं को अब अंतिम रूप दे दिया गया है और अब बस ये सरकार की मंजूरी के अधीन हैं।
अगले पाँच साल की योजना
डॉक्टर सोमनाथ ने बताया कि उनकी योजना अगले पाँच वर्षों में 70 उपग्रह लॉन्च करने की है। इसमें विभिन्न सरकारी मंत्रालयों और विभागों की जरूरतों को पूरा करने के लिए निम्न-कक्षा उपग्रहों का एक समूह शामिल है। इन 70 उपग्रहों में स्थिति, नेविगेशन और समय सेवाएं प्रदान करने के लिए नाविक क्षेत्रीय नेविगेशन प्रणाली (NAVIC) के लिए चार, INSAT 4D मौसम उपग्रह, उपग्रहों की रिसोर्ससैट श्रृंखला और रिमोट सेंसिंग और उच्च-रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग के लिए कार्टोसैट उपग्रह शामिल हैं।
इन्हें इसरो विकसित कर रहा है-
* सामनाथ ने कहा कि इसरो विद्युत प्रणोदन प्रणालियों की क्वांटम प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन करने के लिए इसरो ओशनसैट श्रृंखला और प्रौद्योगिकी प्रदर्शन उपग्रह 01 और 02 विकसित करने की भी योजना बना रहा है।
* इसरो गगनयान मिशन के लिए एक डेटा रिले उपग्रह, इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए एक उच्च-थ्रूपुट उपग्रह और स्पेसएक्स के फाल्कन रॉकेट लॉन्च के लिए अमेरिका भेजे जाने के लिए तैयार एक जीएसएटी उपग्रह भी विकसित कर रहा है।
* इसरो की अगले पांच वर्षों में पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों का एक पूरा सेट लॉन्च करने की भी योजना है।
"मिशन वीनस" हुआ स्थगित
सोमनाथ ने कहा कि इसरो ने शुक्र पर अपने पहले से नियोजित मिशन को फिलहाल स्थगित कर दिया है। हम मिशन का पुनर्मूल्यांकन कर रहे हैं। इसरो ने पहले कहा था कि चंद्रयान-4 मिशन का निर्धारित प्रक्षेपण वर्ष 2028 होगा। गगनयान परियोजना के पहले मानवरहित मिशन का प्रक्षेपण इस साल दिसंबर में होना है। रॉकेट के सभी चरण पहले ही श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में पहुंच चुके हैं| क्रू मॉड्यूल का निर्माण तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में किया जाएगा और सर्विस मॉड्यूल को बेंगलुरु के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में एकीकृत किया जाएगा। चालक दल का बचाव तंत्र पहले ही श्रीहरिकोटा पहुंच चुका है। सभी सिस्टम अगले एक से डेढ़ महीने में श्रीहरिकोटा पहुंचेंगे, जहां उनका अंतिम परीक्षण और एकीकरण किया जाएगा।
गगनयान क्या है?
गगनयान भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन है, जो चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाएगा। मिशन 2024 के अंत या 2025 तक लॉन्च किया जा सकता है। गगनयान तीन दिवसीय मिशन है, जो अंतरिक्ष यात्रियों की एक टीम को पृथ्वी से 400 किलोमीटर ऊपर कक्षा में भेजेगा। इसके बाद क्रू मॉड्यूल समुद्र में सुरक्षित लैंड किया जाएगा। अगर भारत अपना मिशन पूरा कर लेता है तो वह ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। भारत से पहले अमेरिका, चीन और रूस ही ऐसा कर सके हैं|