चंडीगढ़ : सॉफ्टवेयर इंजीनियर का कमाल; बनाया ऐसा आई कार्ड- परिजन कर सकेंगे लोकेशन ट्रेस

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चंडीगढ़ : सॉफ्टवेयर इंजीनियर का कमाल; बनाया ऐसा आई कार्ड- परिजन कर सकेंगे लोकेशन ट्रेस

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चंडीगढ़ के सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने कमाल किया. उनका यह कमाल स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों की चिंता दूर कर सकता है. चंडीगढ़ और टोरंटो की एक कंपनी ऑमैकल ने बच्चों की सुरक्षा के लिए खास आईडी कार्ड लॉन्च किया है. यह कार्ड खासतौर पर स्कूली बच्चों के लिए बनाया गया है. इस कार्ड को बनाने वाली कंपनी के संस्थापक पेक चंडीगढ़ के पूर्व छात्र हैं और इनके नाम तवीश भंडारी, यमन कुमार और भवजोत सिंह हैं. यह आईडी कार्ड RFID तकनीक से लैस है और इससे माता-पिता और स्कूल बच्चों की लोकेशन ट्रैक कर सकते हैं और ऐसे में बच्चों की एक्टिविटी के बारे में पता चल सकेगा कि कहीं वे क्लास से बंद तो नहीं मार रहे हैं.
यह कार्ड बच्चों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है. आजकल बच्चों की सुरक्षा एक बड़ी चिंता का विषय है. खास बात है कि यह कार्ड पूरी तरह से बैटरी-मुक्त है. यह बच्चों के लिए सुरक्षित सामग्री से बना है. इससे माता-पिता और स्कूल अधिकारी बच्चों की आवाजाही पर नज़र रख सकते हैं. जब छात्र स्कूल में प्रवेश करते हैं और अपनी कक्षाओं में जाते हैं तो यह तुरंत अपडेट देता है. स्कूल के घंटों के बाद आपात स्थिति में बच्चे इस कार्ड का उपयोग कर सकते हैं. इस कार्ड में आपातकालीन जानकारी जैसे फोन नंबर और पता स्टोर रहेगा. इसकी मदद से बच्चे अपनी लोकेशन तुरंत माता-पिता को बता सकते हैं.
कंपनी ने चंडीगढ़ के एक निजी स्कूल स्टेपिंग स्टोन्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल के साथ साझेदारी की है. इससे छात्रों को सुरक्षित शैक्षणिक अनुभव मिलेगा। यह बच्चों के दिन के इस खास मौके पर एक महत्वपूर्ण शुरुआत है. युवक तवीश, भवजोत और यमन के बचपन के सपने का फल है. वे अब अलग-अलग महाद्वीपों से कंपनी का प्रबंधन करते हैं. तवीश और भवजोत वर्तमान में कनाडा के ब्रैम्पटन में रहते हैं। यमन चंडीगढ़ से संचालन जारी रखे हुए है। ओमाकले गार्जियन के बाजार में आने से कंपनी को चंडीगढ़ और उसके बाहर बच्चों की सुरक्षा में योगदान करने पर गर्व है.
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