चिकित्सा अधिकारियों को दिए गए हैं जरूरी निर्देश

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चिकित्सा अधिकारियों को दिए गए हैं जरूरी निर्देश

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रोहतक, 28 दिसंबर। उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा ने कहा है कि स्थानीय नागरिक अस्पताल के साथ-साथ पूरे जिलाभर में चिकित्सा संस्थानों के माध्यम से जरूरतमंद लोगों को हर संभव चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही हैं। चिकित्सा सुविधाओं को लेकर चिकित्सा अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए जा चुके हैं। जरूरतमंद लोगों को चिकित्सा सेवाएं लेने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।
धीरेंद्र खडग़टा ने जानकारी देते हुए बताया कि नागरिक अस्पताल में पीसी एण्ड पीएनडीटी एक्ट के तहत अल्ट्रासाउंड मशीन पर दो पंजीकृत डॉक्टर व तीन डीआरपी डॉक्टर कार्यरत हैं, जोकि निरंतर गर्भवती महिलाओं और जरूरतमंदों का सामान्य अल्ट्रासाउंड कर रहे है। नागरिक अस्पताल में लगभग 60 से 70 अल्ट्रासाउंड डॉक्टरों द्वारा रोजान किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि रोहतक नागरिक अस्पताल में सभी एक्स-रे मशीन कार्य कर रही हैं। सभी एक्स-रे मशीन रेडियोग्राफर द्वारा संचालित की जाती हैं। एक्स-रे होने के उपरांत संबंधित चिकित्सक द्वारा रिपोर्ट देखी जाती है।
वहीं दूसरी ओर सिविल सर्जन डॉ रमेश चंद्र आर्य ने बताया कि मरीजों को किसी भी तरह से भ्रमित होने की जरूरत नहीं है। जरूरतमंद लोग नागरिक अस्पताल में आकर चिकित्सा सुविधा लें। स्वास्थ्य विभाग नागरिकों की सेवा के लिए हर समय तत्पर है।
जिला प्रशासन एवं रेडक्रॉस समिति द्वारा एलिम्को कंपनी भारत सरकार के सहयोग से रेडक्रॉस परिसर में शनिवार को दिव्यांगजनों की जांच के लिए शिविर लगाया गया, जिसमें जिलाभर से सैकड़ों दिव्यांगजन पहुंचे तथा अपनी जांच करवाई।
उपायुक्त एवं जिला रेडक्रॉस सोसायटी अध्यक्ष धीरेंद्र खडख़टा के मार्गदर्शन में लगाए गए दिव्यांग जांच शिविर में अतिरिक्त उपायुक्त नरेंद्र कुमार मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उनके अलावा हरियाणा रेडक्रॉस सोसायटी चंडीगढ़ के वाइस चेयरमैन अंकुश मिगलानी, सिविल सर्जन डॉ रमेश चंद्र आर्य सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित हुए।
अतिरिक्त उपायुक्त नरेंद्र कुमार ने कहा कि जिला रेडक्रॉस समिति द्वारा दिव्यांगजन के लिए लगाए गए इस शिविर में जरूरतमंद सैकड़ों दिव्यांगों को आने वाले समय में निशुल्क बैटरी से संचालित रिक्शा, व्हील चेयर के अलावा कान की मशीन सहित अनेक उपकरण मिलेंगे। नरेंद्र कुमार ने दिव्यांगजन को संबोधित करते हुए कहा कि जिला प्रशासन उनके साथ है और जिन दिव्यांगों को कोई भी दिक्कतें हैं, उन सभी का समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन दिव्यांगजन के नए मेडिकल कार्ड अभी तक नहीं बने हैं, उसके लिए विशेष कैंप लगाने की व्यवस्था की जाएगी।
हरियाणा रेडक्रॉस समिति के वाइस चेयरमैन अंकुश मिगलानी ने कहा कि रेडक्रॉस सोसायटी रोहतक द्वारा जो सेवाएं प्रदान की जा रही हैं, उनकी पहचान राज्यभर में है। रक्तदान के क्षेत्र में रोहतक जिला काफी आगे है और इसी प्रकार से अनेक योजनाएं रेडक्रॉस द्वारा जो शुरू की गई हैं, उसके लिए जिला पूरे प्रदेश में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि जिला के दिव्यांगजन के लिए लगाए गए दिव्यांग जांच शिविर में जो दिव्यांग आए हैं, उन्हें आने वाले समय में विभिन्न प्रकार के उपकरण निशुल्क दिए जाएंगे।
सिविल सर्जन डॉ. रमेश चंद्र आर्य ने भी संबोधित किया और कहा कि किसी भी दिव्यांग को कोई भी आवश्यकता है, वह कभी भी उनके कार्यालय में आकर मिल सकते हैं। कार्यक्रम में सैकड़ों वॉलिंटियर, सामाजिक कार्यकर्ता, विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। इस अवसर पर विशेष रूप से डॉ. दिनेश शर्मा नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा आंखों की जांच भी की गई। जो विशेष रूप से आंखों की जांच के लिए गाड़ी लेकर पहुंचे थे।
कार्यक्रम में सभी आगंतुकों का रेडक्रॉस सचिव श्यामसुंदर ने आभार व्यक्त किया और कहा कि जिन दिव्यांगजन का पंजीकरण हुआ है उनको सूचित किया जायेगा और जिनका पंजीकरण अभी तक नहीं हो पाया है, वह किसी भी कार्य दिवस पर अपने पूरे जरूरी कागजात रेडक्रॉस सोसाइटी में जमा करवाएं। इस अवसर पर डीटीओ रवि दत्त, प्रॉजेक्ट मैनेजर प्रीति, डॉ. लतेश, लाइफ मेंबर चेतना, रितु सैनी, मिथलेस, नेहा डॉक्टर, चमत्कार, अश्वनी वशिष्ठ, जेपी गौड़ सहित अनेक गण मान्य नागरिक और अधिकारी उपस्थित थे।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी कुलदीप सिंह ने बताया कि जिला में अनचाहे नवजात बच्चों की सुरक्षा को मद्देनजर प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक क्रैडल बिंदु बनाया गया है। इस बिंदु पर एक पालन रखा गया है, जिसमें अनचाहे नवजात बच्चों को छोड़ा जा सकता है ताकि उन्हें उचित समय पर चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा सके और उनके जीवन की रक्षा की जा सके।
उन्होंने आम जनता से अपील करते हुए कहा है कि यदि उन्हें कोई बेसहारा नवजात बच्चा मिलता है तो इसकी सूचना बिना किसी देरी के तुरंत नजदीकी पुलिस थाना को दे। इसके अलावा दूरभाष नंबर 112 पर भी फोन करके इसकी सूचना दी जा सकती है। यह एक टोल फ्री नंबर है, जिसमें तुरंत सहायता प्रदान की जाती है। इसके लिए स्थानीय जिला विकास भवन स्थित बाल कल्याण समिति के कार्यालय के कमरा संख्या 219 में संपर्क कर सकते हैं।
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