यमुनानगर : महिला डॉक्टर के फ़ोन पर आया CBI अधीकारी का फ़ोन; फिर बदल गई जिंदगी
हरियाणा के यमुनानगर से एक मामला सामने आया है. जहां एक महिला डॉक्टर अपने घर पर थी, तभी उसके पास फोन आता है, जैसे ही वह उठाती है तो पूछती है जी कौन बोल रहा है? तो सामने वाला बोलता है कि मैं सीबीआई से बोल रहा हूं, इसके बाद महिला डॉक्टर की जिंदगी तबाह हो जाती है. दरअसल, महिला डॉक्टर के साथ साइबर फ्रॉड हुआ है. पीड़ित महिला से ठगों ने धमकाकर लाखों रुपए की चपत लगा दी.
साइबर थाना पुलिस ने महिला डॉक्टर डिजिटल अरेस्ट मामले से पर्दा उठा दिया है. पुलिस ने राजस्थान के जयपुर से तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिले में डिजिटल अरेस्ट का यह पहला मामला है, जिसमें साइबर क्राइम थाना पुलिस की टीम ने कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. साइबर क्राइम इंस्पेक्टर बलदेव सिंह ने बताया कि आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी, ताकि पता चल सके ऐसे कितने मामलों में आरोपी शामिल हैं.
दरअसल, महिला डाक्टर 9 नवंबर को अपने घर पर थी. तभी उनके पास अनजान नंबर से कॉल आया. पूछने पर कॉल करने वाले ने खुद को साइबर क्राइम दिल्ली से बताया. जिसने डाक्टर से कहा कि उसके खिलाफ मनी लांड्रिंग, ड्रग्स और मानव तस्करी का केस दर्ज हुआ है. यह भी कहा कि वर्ष 2017 से एचडीएफसी बैंक में खाता चल रहा है. जिसमें मनी लांड्रिंग के रुपये आते हैं. आधार कार्ड से मोबाइल नंबर पता लगा है. खुद को साइबर क्राइम थाना से बताने वाले ठग ने महिला डॉक्टर को कहा कि आपके नंबर से लोगों को ब्लैकमेल किया जा रहा है, धमकियां दी जा रही है.
पीड़ित महिला डॉक्टर ने बताया कि उसके बैंक खातों की जानकारी भी मांगी गई. धमकी दी गई कि सभी खातों की जानकारी दें और उसमें जो भी रुपये हैं. उसका 99 प्रतिशत सीबीआई में जमा कराने पड़ेगे, यदि रुपये जमा नहीं कराए तो कानूनी कार्रवाई होगी. जिसके बाद उसके पास एक खाता नंबर भेजा गया. घबराकर डाक्टर ने पांच लाख 77 हजार रुपये उस खाते में भिजवा दिए.
साइबर अपराधी यहीं तक नहीं रुके उन्होंने इसके बाद अलग-अलग 14 नवंबर तक उससे 13 लाख 20 हजार 277 रुपये इस खाते में जमा कराए गए. ठगों ने महिला डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर रखा था. उसके पास कभी सीबीआई अधिकारी बनकर, तो कभी साइबर क्राइम दिल्ली से अधिकारी बनकर कॉल की जाती रही. 19 नवंबर को यह केस दर्ज हुआ था. जिसमें यमुनानगर साइबर क्राइम की टीम ने तीन आरोपियों को राजस्थान के जोधपुर से गिरफ्तार किया है.
साइबर थाना पुलिस ने महिला डॉक्टर डिजिटल अरेस्ट मामले से पर्दा उठा दिया है. पुलिस ने राजस्थान के जयपुर से तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिले में डिजिटल अरेस्ट का यह पहला मामला है, जिसमें साइबर क्राइम थाना पुलिस की टीम ने कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. साइबर क्राइम इंस्पेक्टर बलदेव सिंह ने बताया कि आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी, ताकि पता चल सके ऐसे कितने मामलों में आरोपी शामिल हैं.
दरअसल, महिला डाक्टर 9 नवंबर को अपने घर पर थी. तभी उनके पास अनजान नंबर से कॉल आया. पूछने पर कॉल करने वाले ने खुद को साइबर क्राइम दिल्ली से बताया. जिसने डाक्टर से कहा कि उसके खिलाफ मनी लांड्रिंग, ड्रग्स और मानव तस्करी का केस दर्ज हुआ है. यह भी कहा कि वर्ष 2017 से एचडीएफसी बैंक में खाता चल रहा है. जिसमें मनी लांड्रिंग के रुपये आते हैं. आधार कार्ड से मोबाइल नंबर पता लगा है. खुद को साइबर क्राइम थाना से बताने वाले ठग ने महिला डॉक्टर को कहा कि आपके नंबर से लोगों को ब्लैकमेल किया जा रहा है, धमकियां दी जा रही है.
पीड़ित महिला डॉक्टर ने बताया कि उसके बैंक खातों की जानकारी भी मांगी गई. धमकी दी गई कि सभी खातों की जानकारी दें और उसमें जो भी रुपये हैं. उसका 99 प्रतिशत सीबीआई में जमा कराने पड़ेगे, यदि रुपये जमा नहीं कराए तो कानूनी कार्रवाई होगी. जिसके बाद उसके पास एक खाता नंबर भेजा गया. घबराकर डाक्टर ने पांच लाख 77 हजार रुपये उस खाते में भिजवा दिए.
साइबर अपराधी यहीं तक नहीं रुके उन्होंने इसके बाद अलग-अलग 14 नवंबर तक उससे 13 लाख 20 हजार 277 रुपये इस खाते में जमा कराए गए. ठगों ने महिला डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर रखा था. उसके पास कभी सीबीआई अधिकारी बनकर, तो कभी साइबर क्राइम दिल्ली से अधिकारी बनकर कॉल की जाती रही. 19 नवंबर को यह केस दर्ज हुआ था. जिसमें यमुनानगर साइबर क्राइम की टीम ने तीन आरोपियों को राजस्थान के जोधपुर से गिरफ्तार किया है.