कर्नाटक: MUDA स्कैम मामले में सीएम के खिलाफ चलेगा केस
K9 MEDIA
राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है| मामला मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) भूमि आवंटन घोटाले से संबंधित है। सामाजिक कार्यकर्ता और वकील टीजे अब्राहम की ओर से राज्यपाल को याचिका सौंपी गई थी| याचिका में बीएम पार्वती (मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी) को आवंटित भूमि से संबंधित मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी गई थी|
क्या है MUDA घोटाला
दरअसल ये घोटाला तब सामने आया जब केसारे गांव में 3.16 एकड़ भूमि के मूल मालिक ने मैसूर के डिप्टी कमिश्नर (DC) से अपनी भूमि वापस लेने के लिए याचिका दायर की| विवादित जमीन 2005 में सीएम सिद्धारमैया के साले (पत्नी के भाई) को ट्रांसफर की गई थी| हालांकि, भूमि को लेकर विवाद तब और गहरा गया जब यह बात सामने आई कि सीएम सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती को MUDA की ओर से चलाई जा रही 50:50 योजना के तहत इस भूमि के मुआवजे के रूप में 2022 में मैसूर में 14 प्रीमियम साइटें आवंटित की गई थीं| MUDA कर्नाटक में एक राज्य विकास एजेंसी है जिसकी स्थापना मई 1988 में हुई थी। MUDA का मिशन शहरी विकास को बढ़ावा देना, गुणवत्तापूर्ण शहरी बुनियादी ढाँचा प्रदान करना, किफायती आवास प्रदान करना और आवास बनाना है। योजना के बंद होने के बाद भी मुडा ने 50:50 योजना के तहत जमीनों का अधिग्रहण और आवंटन जारी रखा। आरोप है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को इसी के तहत लाभ पहुंचाया गया। सीएम सिद्धारमैया की पत्नी की 3 एकड़ और 16 गुंटा भूमि मुडा द्वारा अधिग्रहित की गई।